link rel="canonical" href="https://wikipediaidea.blogspot.com/?m=1" /> Shri Radha Rani Barsana mandir ka itihaas | राधा रानी मंदिर का इतिहास

Shri Radha Rani Barsana mandir ka itihaas | राधा रानी मंदिर का इतिहास

Shri Radha Rani Barsana mandir ka itihaas | राधा रानी मंदिर का इतिहास

राधा रानी मंदिर


राधा रानी मंदिर, बरसाना उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो राधा जी को समर्पित है। यह मंदिर हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है, खासकर राधा-कृष्ण के भक्तों के लिए। आइए जानते हैं इस मंदिर का इतिहास और कुछ रोचक बातें।

🏛️ राधा रानी मंदिर का इतिहास:

प्राचीनता:

राधा रानी मंदिर का निर्माण 1675 ई. में हुआ था।

इसे नारायण भट्ट ने बनवाया था, जो चित्तौड़ के राजा बीर सिंह के वंशज थे और महान भक्त थे।

स्थापत्य कला:

यह मंदिर राजस्थानी और मुग़ल स्थापत्य कला का सुंदर मिश्रण है।

मंदिर शुद्ध लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है, जो इसे राजसी लुक देता है।

स्थान की पवित्रता:

मान्यता है कि बरसाना राधा रानी का जन्मस्थान है।

यह मंदिर ब्रह्मगिरि पर्वत (जिसे विशाखा पर्वत भी कहा जाता है) पर स्थित है।

🌸 राधा रानी मंदिर की खास बातें:

लाड़ली जी के नाम से प्रसिद्ध:

बरसाना में राधा रानी को "लाड़ली जी" के नाम से पूजा जाता है।

होली उत्सव (लठमार होली):

बरसाना की लठमार होली विश्वविख्यात है।

इसमें महिलाएं (गोपियाँ) पुरुषों (ग्वालों) को लाठियों से मारती हैं, और यह परंपरा राधा-कृष्ण की लीलाओं पर आधारित है।

उच्च स्थान पर स्थित:

मंदिर तक पहुँचने के लिए लगभग 200 से अधिक सीढ़ियाँ चढ़नी होती हैं।

ऊँचाई से बरसाना गाँव और आस-पास का दृश्य बहुत मनोरम लगता है।

श्रावण और राधाष्टमी पर्व:

राधा रानी का जन्मोत्सव (राधाष्टमी) यहाँ बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

श्रावण मास में यहाँ विशेष पूजा-पाठ और झूलन उत्सव होते हैं।

चार पहाड़ियों पर बसे गाँव का महत्व:

बरसाना चार पर्वतों पर बसा है, जिन्हें राधा की सखियों – विशाखा, ललिता, चित्रा और इंदुलेखा से जोड़ा जाता है।


🙏 मंदिर दर्शन की जानकारी:

समय: सुबह 5:00 बजे से रात 9:00 बजे तक (त्योहारों पर विशेष समय)

प्रवेश शुल्क: कोई शुल्क नहीं है

स्थान: बरसाना, मथुरा, उत्तर प्रदेश

निकटतम रेलवे स्टेशन: मथुरा जंक्शन (42 किमी)



🧭 यात्रा सुझाव:
बरसाना यात्रा के दौरान नंदगांव, गोवर्धन, वृंदावन और मथुरा भी जरूर जाएँ।

त्योहारी समय में भीड़ अधिक होती है, इसलिए समय से जाएँ।




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